सनातन धर्म का दुनिया को संदेश, Message of Sanatan Dharma to the world,
उदाहरण -1
यह प्रसिद्ध वाक्यांश महा उपनिषद् के अध्याय 6, मंत्र 72 में मिलता है। यह श्लोक इस प्रकार है:
अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् ।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ॥
अर्थ:
यह मेरा है, यह उसका है, ऐसी सोच छोटे दिल वाले लोगों की होती है। विशाल हृदय वाले लोगों के लिए तो पूरी पृथ्वी ही एक परिवार है।
यह श्लोक भारतीय दर्शन और सनातन धर्म के उस उदारवादी और वैश्विक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें समस्त मानवता को एक परिवार के रूप में देखा जाता है।
उदाहरण -2
गरुड़ पुराण के उत्तर खण्ड (प्रेत कल्प) के अध्याय 35, श्लोक 51 में एक श्लोक मिलता है, जो इस प्रकार है:
"सर्वेषां मङ्गलं भूयात् सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्॥"
बाद में ये श्लोक बदलकर ये हो गया:-
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत् ।।
अर्थ:
सभी सुखी हों, सभी निरोगी हों, सभी का कल्याण हो, और कोई भी दुखी न रहे।
यह विश्व शांति और कल्याण की कामना करने वाला एक अत्यंत लोकप्रिय और व्यापक रूप से उद्धृत संस्कृत श्लोक है।
पूरी धरती के लोगों को परिवार समझने वाला, पूरी धरती के लोगों को एक समान मानने वाला सभी के कल्याण की प्रार्थना करने वाला एकमात्र धर्म सनातन धर्म ही है।
1. सनातन धर्म ही एकमात्र है जो किसी को अपना दुश्मन नहीं मानता है।
2. सनातन धर्म ही एकमात्र है जो पति को परमेश्वर और पत्नी को अर्धांगिनी का दर्जा देता है।
3. सनातन धर्म ही एकमात्र है जो नारी को देवी का दर्जा देता है।
4. सनातन धर्म ही एकमात्र है जिसमें भाई बहन के रिश्ते की मिठास को कायम रखने के लिए रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है।
5. सनातन धर्म ही एकमात्र है जिसमें पति पत्नी के बीच प्रेम का प्रतीक करवा चौथ का त्यौहार मनाया जाता है।
6. सनातन धर्म ही एकमात्र है जिसमें गुरु को ईश्वर के समान पूज्य माना जाता है।
7. सनातन धर्म ही एकमात्र है जिसमें आपको सवाल पूछने का हक है वरना बाकी में तो सवाल पूछने पर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
8. सनातन धर्म ही एकमात्र है जिसमें प्रकृति भी पूजनीय है जिससे उसका रक्षण हो सकते और उसका दुरूपयोग न हो।
9. सनातन धर्म ही एकमात्र है जिसमें नास्तिक को भी जीने का अधिकार है।
10. सनातन धर्म ही एकमात्र है जो आपको अपने हिसाब से जिंदगी जीने की खुली छूट देता है वो भी बिना किसी पाबंदी के।
अब आप स्वयं सोचिए कि इससे बेहतर फिलोसॉफी क्या हो सकती है जो सनातन धर्म अपने धर्मग्रंथों के माध्यम से एक आम इन्सान को दे रहा है ?
क्या अब भी आपको लगता है इससे बेहतर कोई और धर्म हो सकता है ? यदि आपको ऐसा लगता है तो पहले उनके धर्मग्रंथ चेक करें फिर आपका सारा भ्रम दूर हो जाएगा।
🙏 नमस्कार 🙏
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