महाराजा सूरजमल | एक राजा जो पानीपत का परिणाम बदल सकता था, Maharaja Surajmal | A king who could have changed the result of Panipat
**महाराजा सूरजमल** भारत के अठारहवीं शताब्दी के एक महान, प्रजावत्सल, वीर और दूरदर्शी शासक थे। वे भरतपुर (राजस्थान) के जाट राजा थे और उन्हें **"जाटों का प्लेटो"** भी कहा जाता है। उनके शासनकाल में भरतपुर राज्य की राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक शक्ति चरम पर थी।
### 🔹 जीवन परिचय:
* **पूरा नाम**: महाराजा सूरजमल जाट
* **जन्म**: सन् **1707**, सिंघोली गाँव (भरतपुर, राजस्थान)
* **पिता**: राजा बदन सिंह (भरतपुर रियासत के संस्थापक)
* **मृत्यु**: 25 दिसम्बर 1763, दिल्ली के निकट
* **वंश**: जाट वंश
* **धर्म**: हिंदू
### 🔹 शासन और उपलब्धियाँ:
1. **भरतपुर राज्य का विस्तार**:
सूरजमल ने भरतपुर को एक शक्तिशाली राज्य बनाया। उन्होंने आगरा, मथुरा, अलीगढ़, एटा, हाथरस, धौलपुर आदि क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया।
2. **लोहागढ़ किला**:
सूरजमल ने लोहागढ़ किले को और अधिक मजबूत कराया। यह किला ब्रिटिश और मुगलों के कई हमलों के बावजूद कभी जीता नहीं जा सका।
3. **प्रशासन व्यवस्था**:
वे एक कुशल प्रशासक थे। उन्होंने कर व्यवस्था को सुधारा, सिंचाई व्यवस्था मजबूत की और किसानों की स्थिति को बेहतर बनाया।
4. **धार्मिक सहिष्णुता**:
उन्होंने अपने राज्य में सभी धर्मों को समान अधिकार दिए। मथुरा और वृंदावन जैसे पवित्र स्थलों का पुनर्निर्माण कराया।
5. **दिल्ली में हस्तक्षेप**:
सूरजमल ने मुगलों की कमजोर होती स्थिति का लाभ उठाकर दिल्ली पर भी प्रभाव बनाया। उन्होंने कई बार मराठों और अफगानों से लोहा लिया।
### 🔹 अहम ऐतिहासिक घटनाएँ:
* **पानीपत की तीसरी लड़ाई (1761)** के समय उन्होंने मराठों को सहायता देने की पेशकश की थी, लेकिन मराठों ने उनकी रणनीतिक सलाह नहीं मानी। सूरजमल ने कहा था कि खुले मैदान में लड़ाई नहीं करनी चाहिए, लेकिन मराठों ने बात नहीं मानी और भारी नुकसान उठाना पड़ा।
* **दिल्ली पर कब्जा**:
पानीपत के युद्ध के बाद दिल्ली कमजोर हो गई थी। सूरजमल ने मौके का फायदा उठाकर दिल्ली पर आक्रमण किया और कई क्षेत्रों को अपने अधीन कर लिया।
### 🔹 मृत्यु:
महाराजा सूरजमल की मृत्यु 25 दिसंबर 1763 को **शाहदरा (दिल्ली के पास)** में नवाब नजीबुद्दौला से संघर्ष करते समय हुई। उनकी मृत्यु को भारत के इतिहास में एक बहुत बड़ी क्षति माना जाता है।
### 🔹 महाराजा सूरजमल की विशेषताएँ:
| गुण | विवरण |
| ----------------- | ---------------------------------------- |
| **साहसिक योद्धा** | कठिन से कठिन युद्धों में वीरता दिखाई |
| **नीतिज्ञ** | सैन्य और कूटनीतिक चालों के विशेषज्ञ |
| **धर्मरक्षक** | हिंदू मंदिरों और तीर्थों की रक्षा की |
| **प्रजावत्सल** | जनता की भलाई के लिए कार्य करने वाले शासक |
### 🔹 स्मृति और सम्मान:
आज भी राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में सूरजमल को बहुत सम्मान से याद किया जाता है।
* **महाराजा सूरजमल विश्वविद्यालय** (हरियाणा में)
* **सूरजमल स्मारक भवन**
* **मूर्तियाँ और पार्क** भरतपुर, दिल्ली आदि स्थानों पर स्थापित हैं।
### 🔚 निष्कर्ष:
**महाराजा सूरजमल** भारतीय इतिहास के उन महान शासकों में से एक थे, जिन्होंने न केवल अपने राज्य की रक्षा की, बल्कि भारत के गौरव को भी बनाए रखा। उनका जीवन पराक्रम, नीति और जनसेवा का प्रतीक है।
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