सरायघाट का युद्ध और लाचित बोरफुकन का युद्ध कौशल, The Battle of Saraighat and the Legend of Lachit Borphukan
**लाचित बोरफुकन** असम के एक महान सेनापति और स्वतंत्रता संग्राम के वीर योद्धा थे, जिन्होंने 17वीं शताब्दी में मुगलों के विरुद्ध असम की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे विशेष रूप से **1671 ई. में सराईघाट की लड़ाई** में अपनी वीरता और रणनीतिक बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं।
### 🔷 संक्षिप्त परिचय:
* **पूरा नाम**: लाचित बोरफुकन
* **जन्म**: लगभग 1622 ई., असम
* **मृत्यु**: 1672 ई.
* **पिता**: मोमाई तमुली बरबरुआ (अहोम साम्राज्य के उच्च अधिकारी)
* **सम्बंध**: अहोम साम्राज्य के सेनापति
* **उपाधि**: "बोरफुकन" (एक सैन्य और प्रशासनिक पद, जिसे राजा द्वारा दिया जाता था)
### 🔷 पृष्ठभूमि:
लाचित बोरफुकन अहोम साम्राज्य के एक प्रतिष्ठित अधिकारी परिवार में जन्मे थे। उनके पिता **मोमाई तमुली बरबरुआ** राजा प्रताफ़ सिंह के काल में प्रमुख प्रशासक थे। लाचित को सैन्य प्रशिक्षण और प्रशासन की गहरी समझ विरासत में मिली।
### 🔷 सराईघाट की लड़ाई (1671):
यह लड़ाई असम की ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे **सराईघाट** में लड़ी गई थी।
* मुगल सम्राट **औरंगज़ेब** ने असम को जीतने के लिए एक विशाल सेना भेजी थी, जिसकी अगुवाई **मिर जमला** और बाद में **रामसिंह कछवाहा** ने की।
* अहोम सेना के सेनापति लाचित बोरफुकन ने कूटनीति, युद्ध नीति और रणनीति से दुश्मनों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
* वे **बीमार** होने के बावजूद युद्धभूमि में डटे रहे और कहा —
🔸 *"मेरा देश पहले है, शरीर बाद में!"*
👉 एक प्रसंग के अनुसार, जब उन्होंने देखा कि उनका सगा भाई भी किला निर्माण में लापरवाही कर रहा है, तो उन्होंने राष्ट्रहित में उसे मौत की सजा दी — जिससे उनकी राष्ट्रभक्ति सिद्ध होती है।
### 🔷 लाचित की मृत्यु:
* लड़ाई के कुछ समय बाद, **1672 ई. में लाचित बोरफुकन का निधन** हो गया।
* उनकी समाधि **अस्सम के जोरहाट जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे मौजूद है**, जिसे **लाचित मैदाम** कहा जाता है।
### 🔷 लाचित बोरफुकन की विरासत:
* **असमिया इतिहास के सबसे महान नायकों** में गिने जाते हैं।
* हर साल **असम में 24 नवंबर को “लाचित दिवस”** मनाया जाता है।
* **भारतीय सेना के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA)** में हर साल **लाचित बोरफुकन स्वर्ण पदक** उस कैडेट को दिया जाता है जो सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व दिखाता है।
### 🔷 लाचित बोरफुकन से मिलने वाली प्रेरणा:
* राष्ट्रभक्ति और बलिदान का आदर्श उदाहरण
* नेतृत्व, साहस और रणनीति में अद्वितीय
* धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए लड़ने वाले योद्धा
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