कहाँ से निकली है राजा भोज और गंगू तेली की कहावत ? | History of Great King Bhoj
राजा भोज भारतीय इतिहास के एक प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित शासक थे। वे मध्य भारत के मालवा क्षेत्र में स्थित परमार वंश के एक महान राजा थे। उनका शासनकाल लगभग 1010 से 1055 ईस्वी के बीच माना जाता है। राजा भोज न केवल एक पराक्रमी योद्धा थे, बल्कि वे एक महान विद्वान, साहित्यकार, और कला-संस्कृति के संरक्षक भी थे।
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### 🏰 **परमार वंश और भोज का राज्य**
* राजा भोज परमार वंश के सबसे प्रसिद्ध शासक थे।
* उनकी राजधानी धार (वर्तमान में मध्य प्रदेश में) थी, जिसे तब “धारानगरी” कहा जाता था।
* उनके राज्य में मालवा, उज्जैन, महेश्वर, मांडू और आस-पास के क्षेत्र शामिल थे।
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### 📚 **विद्या और साहित्य के संरक्षक**
राजा भोज को “विद्यानिकेतन” (ज्ञान का घर) कहा गया है। उन्होंने कई विषयों पर ग्रंथों की रचना की और विद्वानों को संरक्षण दिया।
#### उनके प्रमुख योगदान:
* संस्कृत साहित्य, आयुर्वेद, वास्तुशास्त्र, खगोलशास्त्र, ज्योतिष, व्याकरण आदि में कई ग्रंथ लिखे।
* **प्रमुख ग्रंथ**:
* **राजमार्तण्ड** (योग का ग्रंथ)
* **साहित्य-शृंगार** (काव्यशास्त्र पर)
* **समरांगण सूत्रधार** (वास्तुशास्त्र और यंत्रों पर)
* **शृंगारप्रकाश** (अलंकारशास्त्र पर)
* **राजनिति काव्य** (नीति और शासन पर)
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### 🏗️ **वास्तुकला और निर्माण कार्य**
राजा भोज ने कई मंदिर, झीलें, और नगरों का निर्माण कराया:
* **भोजपुर मंदिर** (भोपाल के पास): शिव को समर्पित एक विशाल अपूर्ण मंदिर, जिसे भोजेश्वर मंदिर कहा जाता है।
* **भोजताल**: आज का “बड़ा तालाब” भोपाल में, राजा भोज द्वारा बनवाया गया था।
* उन्होंने धार में कई शैक्षणिक संस्थाएं और पुस्तकालय भी स्थापित किए।
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### ⚔️ **राजनीतिक और सैन्य उपलब्धियाँ**
* राजा भोज ने चंदेल, चालुक्य, कलचुरी, और कन्नौज के शासकों से युद्ध किए।
* वे कभी-कभी विजयी और कभी पराजित हुए, परंतु उनका प्रताप और यश हमेशा बना रहा।
* उन्होंने अपने राज्य को सांस्कृतिक और सैन्य दोनों दृष्टि से समृद्ध बनाया।
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### 📖 **लोककथाओं में स्थान**
राजा भोज का नाम **विक्रमादित्य** और **नव रत्नों** की कथाओं में भी आता है। यद्यपि ऐतिहासिक रूप से यह सिद्ध नहीं है कि भोज के दरबार में नव-रत्न थे, परंतु लोक साहित्य में उन्हें महान आदर्श राजा के रूप में चित्रित किया गया है।
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### 📜 **राजा भोज की मृत्यु**
* राजा भोज की मृत्यु 1055 ई. के आसपास मानी जाती है।
* उनकी मृत्यु के बाद परमार वंश धीरे-धीरे कमजोर हुआ, लेकिन भोज की कीर्ति अमर हो गई।
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### 🏅 **राजा भोज की विरासत**
राजा भोज को भारतीय इतिहास में आदर्श राजा, विद्वान, और सांस्कृतिक संरक्षक के रूप में स्मरण किया जाता है। मध्य प्रदेश सरकार ने उनके सम्मान में “**राजा भोज विमानतल**” (भोपाल एयरपोर्ट) और कई संस्थानों का नाम रखा है।
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