वह राजा जिसने बख्तियार खिलजी को नष्ट किया और नालंदा का बदला लिया | कामरूप के राजा पृथु, The king who destroyed Bakhtiyar Khalji and revenged Nalanda | Raja Prithu of Kamrup
कामरूप के राजा **पृथु** एक प्राचीन और वीर शासक थे, जिनका उल्लेख विशेषकर **मुस्लिम आक्रमणों** के समय के संदर्भ में मिलता है। वह **12वीं शताब्दी** के अंत और **13वीं शताब्दी** की शुरुआत में कामरूप (वर्तमान असम क्षेत्र) पर शासन कर रहे थे। आइए उनके जीवन, शासन और संघर्षों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
### 🔶 राजा पृथु का परिचय:
* **राज्य**: कामरूप (आधुनिक असम का पश्चिमी भाग)
* **काल**: लगभग 1185 ई. से 1228 ई. तक
* **वंश**: वह पाल वंश से संबंधित माने जाते हैं, जो कामरूप के अंतिम हिंदू शासकों में से एक था।
### 🔶 मुस्लिम आक्रमण और संघर्ष:
#### 📌 बख्तियार खिलजी का आक्रमण (1205 ई.):
* बख्तियार खिलजी, जो बंगाल और बिहार तक मुस्लिम सत्ता फैला चुका था, ने कामरूप (असम) पर भी आक्रमण किया।
* वह असम के अंदर गहरी घुसपैठ करते हुए **कामरूप** पहुंचा।
* राजा **पृथु ने बहुत ही साहसपूर्वक और रणनीति से उसका सामना किया।**
* बख्तियार खिलजी की सेना को कामरूप की जलवायु, भूगोल और स्थानीय लोगों के जबरदस्त प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
* अंततः बख्तियार खिलजी की सेना **भूख, बीमारियों और गुरिल्ला हमलों** से कमजोर हो गई और पीछे हटने लगी।
#### ⚔️ खिलजी की हार:
* खिलजी की हार का प्रमुख कारण कामरूप के लोगों का संयुक्त संघर्ष और पृथु की रणनीति थी।
* इतिहासकार मिन्हाज-उस-सिराज ने अपनी पुस्तक **"तबकात-ए-नासिरी"** में लिखा है कि बख्तियार खिलजी **कामरूप से लौटते समय घायल हुआ और बाद में उसकी मृत्यु हो गई।**
* इस युद्ध के बाद मुस्लिम सेनाओं को पूर्वोत्तर भारत में आगे बढ़ने से रोका गया और यह क्षेत्र कुछ समय तक स्वतंत्र रहा।
### 🔶 राजा पृथु का महत्व:
1. **स्वतंत्रता के रक्षक**: उन्होंने असम क्षेत्र को मुस्लिम शासन से लंबे समय तक सुरक्षित रखा।
2. **रणनीतिक कुशलता**: अपने सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने बड़ी सेनाओं का सामना कर उन्हें हराया।
3. **लोकनायक**: असम के लोगों में वे एक वीर योद्धा और संरक्षक के रूप में पूजित हैं।
### 🔶 राजा पृथु की मृत्यु:
* राजा पृथु की मृत्यु के बाद कामरूप पर तुर्क आक्रमणों का दबाव बढ़ा।
* बाद में 1228 ई. में तुर्क सेनापति **इल्तुतमिश** के सेनापति **नासिरुद्दीन महमूद** ने एक बार फिर असम पर आक्रमण किया और पृथु को पराजित कर **हत्या कर दी**।
* इसके बाद कामरूप में हिंदू राजाओं की शक्ति काफी हद तक क्षीण हो गई।
### 🔶 निष्कर्ष:
राजा पृथु न केवल असम के एक शक्तिशाली शासक थे, बल्कि उन्होंने भारत की **पूर्वी सीमाओं की रक्षा** करते हुए मुस्लिम आक्रमणकारियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। उनकी वीरता और रणनीति आज भी असम और भारत के इतिहास में गौरवपूर्ण अध्याय के रूप में स्मरण की जाती है।
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