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ये थे प्रदेश के पहले क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी | डूंगजी जवाहरजी लोठू जाट, He was the first revolutionary freedom fighter of the state | Dungji Jawaharji Lothu Jat

ये थे प्रदेश के पहले क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी | डूंगजी जवाहरजी लोठू जाट, He was the first revolutionary freedom fighter of the state | Dungji Jawaharji Lothu Jat



डूंगजी-जवाहरजी लोठू जाट राजस्थान के लोक इतिहास और जाट वीरता की गाथाओं में प्रसिद्ध दो वीर भाई थे। इनका नाम विशेष रूप से शेखावाटी क्षेत्र की जाट स्वतंत्रता संग्राम और तत्कालीन जयपुर राज्य की सत्ता के विरुद्ध संघर्ष में लिया जाता है। ये दोनों भाई शेखावाटी (वर्तमान सीकर, झुंझुनूं क्षेत्र) के निवासी थे और 19वीं सदी के पूर्वार्ध में सक्रिय थे।

### 🔷 **मुख्य जानकारी: डूंगजी और जवाहरजी**

| बिंदु | विवरण |
| --------------------- | -------------------------------------------------------------------------- |
| **पूरा नाम** | डूंगजी लोठू जाट और जवाहरजी लोठू जाट |
| **जाति** | जाट |
| **ग्राम** | लोठू (शेखावाटी क्षेत्र, राजस्थान) |
| **काल** | 19वीं सदी |
| **प्रसिद्धि का कारण** | जयपुर रियासत के अत्याचारों के विरुद्ध संघर्ष, शेखावाटी के जाटों का नेतृत्व |

### 🔶 **इतिहास और संघर्ष**

#### 1. **जयपुर राज्य के विरुद्ध विद्रोह**

डूंगजी और जवाहरजी ने जयपुर रियासत की कठोर नीतियों और अत्याचारों के विरुद्ध विद्रोह किया। उस समय जयपुर रियासत शेखावाटी क्षेत्र पर नियंत्रण चाहती थी, लेकिन जाटों सहित अन्य किसानों ने इसका विरोध किया। डूंगजी-जवाहरजी इस आंदोलन के अग्रणी नेता बने।

#### 2. **स्वतंत्र शासन की स्थापना का प्रयास**

इन दोनों भाइयों ने शेखावाटी में स्वतंत्र शासन चलाने की कोशिश की। वे कर नहीं देते थे, अपने क्षेत्र में जयपुर राज्य के अधिकारियों को घुसने नहीं देते थे, और जनता से प्रेमपूर्वक व्यवहार करते थे।

#### 3. **रणनीतिक बुद्धिमत्ता और संगठन**

इनकी सैन्य संगठन शक्ति और राजनीतिक चातुर्य के कारण जयपुर रियासत लंबे समय तक इन्हें झुका नहीं सकी। शेखावाटी के गाँवों में इनके नाम से भय और सम्मान दोनों का भाव था।

### 🔷 **महत्वपूर्ण विशेषताएँ**

* डूंगजी-जवाहरजी **सामंतवाद विरोधी** और **किसान समर्थक** नेता थे।
* इन्होंने **जाट वीरता** और संगठन शक्ति का परिचय दिया।
* राजस्थान के इतिहास में इन्हें **स्वतंत्रता सेनानियों** जैसा स्थान प्राप्त है।

### 🔻 **अंतिम समय और विरासत**

जयपुर राज्य ने अंततः बड़ी सैन्य कार्रवाई करके इनका दबाव कम करने का प्रयास किया। धीरे-धीरे इनका प्रभाव कम हुआ, लेकिन जनता के दिलों में ये हमेशा अमर रहे।

इनकी वीरता और संघर्ष की कहानियाँ आज भी **लोकगीतों**, **लोक गाथाओं** और **इतिहास लेखन** में गाई और लिखी जाती हैं। शेखावाटी क्षेत्र के कई गाँवों में इनकी स्मृति में मेले और कार्यक्रम भी होते हैं।

### 🏆 **महत्व**

* डूंगजी और जवाहरजी लोठू जाट शेखावाटी की **लोक स्वतंत्रता चेतना** के प्रतीक हैं।
* उन्होंने दिखाया कि साधारण किसान भी अन्याय के विरुद्ध संगठित होकर सत्ता से टकरा सकते हैं।

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