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हीरादे का खौफ, राजस्थान का 500 साल का इतिहास, The fear of heeradey, 500 years of history of Rajasthan,

हीरादे का खौफ, राजस्थान का 500 साल का इतिहास, The fear of heeradey, 500 years of history of Rajasthan,


राजस्थान के इतिहास में **हीरादे** एक महत्वपूर्ण और वीरांगना महिला रही हैं, जो अपनी **राजनैतिक दूरदर्शिता**, **साहस** और **बलिदान** के लिए जानी जाती हैं। हीरादे का संबंध **मेवाड़** के शासक परिवार से था और वह **राणा सांगा** (संवत 1573–1578 / 1490–1528 ई.) की पत्नी तथा **राणा उदयसिंह** (मेवाड़ के संस्थापक महाराणा प्रताप के पिता) की माता थीं।

आइए विस्तार से जानते हैं उनके बारे में:

### 🔶 1. हीरादे की पहचान:

* **पूरा नाम**: महारानी हीरादे

* **पति**: राणा सांगा (मेवाड़ के महान शासक)

* **पुत्र**: राणा उदय सिंह (चित्तौड़ के शासक, महाराणा प्रताप के पिता)

* **समयकाल**: 16वीं सदी के प्रारंभिक वर्षों में

### 🔶 2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

राणा सांगा, जिन्होंने दिल्ली और गुजरात के मुस्लिम शासकों से कई युद्ध लड़े, 1528 ई. में घायल होने के बाद निधन को प्राप्त हुए। उनकी मृत्यु के बाद मेवाड़ की गद्दी को लेकर संकट उत्पन्न हो गया। राजघराने में **राज्य उत्तराधिकार को लेकर षड्यंत्र** और षड्यंत्रों का दौर शुरू हुआ।

### 🔶 3. हीरादे की वीरता और बलिदान:

राणा सांगा की मृत्यु के बाद जब मेवाड़ संकट में था, तब हीरादे ने **अपने पुत्र उदय सिंह की रक्षा** और मेवाड़ की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए **गंभीर निर्णय लिए।**

#### 🔹 बनवीर षड्यंत्र:

* **बनवीर**, जो राणा सांगा के एक गैर वैध पुत्र (कनीज पुत्र) थे, ने सत्ता पर कब्जा करने के लिए षड्यंत्र रचा।

* उसने मेवाड़ के नन्हे राजकुमार **उदय सिंह की हत्या** का प्रयास किया।

* बनवीर ने महल में घुसकर कई शाही सदस्यों की हत्या की और गद्दी पर कब्जा कर लिया।

#### 🔹 पन्ना धाय का त्याग:

* उदय सिंह की रक्षा के लिए **पन्ना धाय** (राजमहल की धाय माता) ने अपने **अपने पुत्र का बलिदान** देकर उदय सिंह को सुरक्षित निकाल लिया।

* पन्ना धाय के इस कृत्य को सफल बनाने में **हीरादे की योजना और समर्थन** भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

### 🔶 4. हीरादे की विशेषताएं:

| गुण | विवरण |

| ------------------- | ---------------------------------------------------- |

| **राजनैतिक दृष्टि** | संकट में सही निर्णय लेकर मेवाड़ की सुरक्षा |

| **मातृत्व शक्ति** | पुत्र उदय सिंह को बचाने की दृढ़ इच्छाशक्ति |

| **वीरता और संकल्प** | विषम परिस्थिति में साहसपूर्वक खड़ी रहीं |

| **त्याग और आदर्श** | परिवार और राज्य के लिए सब कुछ न्योछावर करने को तैयार |

### 🔶 5. ऐतिहासिक महत्व:

* हीरादे ने उस समय मेवाड़ की रक्षा में अहम भूमिका निभाई जब पूरा राज्य आंतरिक षड्यंत्रों और बाहरी हमलों से जूझ रहा था।

* उनका योगदान **महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा की पीढ़ी के निर्माण** में महत्वपूर्ण रहा।

### 🔶 निष्कर्ष:

**हीरादे** केवल एक रानी नहीं थीं, बल्कि एक **दूरदर्शी माता**, **राजनीतिक रणनीतिकार** और **सांस्कृतिक योद्धा** थीं। राजस्थान के इतिहास में उनका नाम **पन्ना धाय**, रानी कर्णावती और रानी पद्मिनी जैसी वीर नारियों की श्रेणी में आता है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि जब संकट हो, तब एक स्त्री भी पूरे राज्य और वंश की रक्षा कर सकती है।

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