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चक्रवर्ती सम्राट अशोक | Samrat Ashoka the great | Samrat Ashok History in Hindi

चक्रवर्ती सम्राट अशोक | Samrat Ashoka the great | Samrat Ashok History in Hindi



चक्रवर्ती सम्राट अशोक, मौर्य वंश के तीसरे शासक थे और भारतीय इतिहास के सबसे महान सम्राटों में से एक माने जाते हैं। उनका शासनकाल लगभग 268 ई.पू. से 232 ई.पू. तक रहा। उन्होंने न केवल भारत के विशाल भूभाग पर शासन किया, बल्कि अपने धर्मपरायण आचरण, धम्म नीति और अहिंसा के सिद्धांतों के लिए भी ख्याति प्राप्त की।

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## 🔹 जीवन परिचय:

**पूरा नाम:** अशोक मौर्य
**उपनाम:** अशोक महान (Ashoka the Great), देवनामपिय (देवों का प्रिय), प्रियदर्शी
**पिता:** सम्राट बिंदुसार
**दादा:** चंद्रगुप्त मौर्य
**माता:** धर्मा या सुभद्रांगी (कुछ ग्रंथों में उल्लेख)
**राजगद्दी पर बैठने का समय:** लगभग 268 ई.पू.
**मृत्यु:** लगभग 232 ई.पू.

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## 🔹 प्रारंभिक जीवन और साम्राज्य विस्तार:

* अशोक का जन्म बिंदुसार और उनकी एक रानी से हुआ था।
* वे एक कुशल योद्धा और सेनापति थे। बिंदुसार ने उन्हें तक्षशिला और उज्जैन का राज्यपाल बनाया था।
* पिता की मृत्यु के बाद अशोक ने सत्ता संघर्ष में कई भाइयों को पराजित कर के राजगद्दी हासिल की।

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## 🔹 कलिंग युद्ध (261 ई.पू.) – जीवन का टर्निंग पॉइंट:

* कलिंग युद्ध सम्राट अशोक के जीवन का सबसे निर्णायक मोड़ था।
* यह युद्ध वर्तमान ओडिशा राज्य के क्षेत्र में हुआ और बहुत ही रक्तपातपूर्ण था।
* युद्ध के बाद लगभग 100,000 लोगों की मृत्यु और लाखों लोगों के घायल या निर्वासित होने से अशोक अत्यंत व्यथित हुए।
* इसके बाद उन्होंने युद्ध और हिंसा का मार्ग छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया।

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## 🔹 बौद्ध धर्म का प्रचार:

* अशोक ने बुद्ध के सिद्धांतों को अपनाया – करुणा, अहिंसा, सत्य, और संयम।
* उन्होंने ‘धम्म’ (नीति और नैतिकता) का प्रचार किया जो बौद्ध धर्म से प्रेरित था।
* उन्होंने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए कई बौद्ध भिक्षुओं को श्रीलंका, अफगानिस्तान, मिस्र और अन्य देशों में भेजा (उनके पुत्र महेन्द्र और पुत्री संघमित्रा श्रीलंका गए)।

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## 🔹 अशोक के शिलालेख और स्तंभ:

* अशोक ने अपने आदेशों को जनता तक पहुँचाने के लिए **शिलालेख**, **स्तंभ**, और **गुफा लेख** बनवाए।
* ये शिलालेख प्राकृत भाषा और ब्राह्मी लिपि में हैं।
* उनके स्तंभों में सर्वाधिक प्रसिद्ध स्तंभ **सांची**, **लौरी नंदनगढ़**, और **सारनाथ** हैं।
* **सारनाथ स्तंभ** का सिंहचिह्न भारत का **राष्ट्रीय प्रतीक** बना है।

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## 🔹 शासन नीति और सामाजिक सुधार:

* अशोक ने पशु बलि पर प्रतिबंध लगाया।
* धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया।
* सड़कों, अस्पतालों, कुओं, धर्मशालाओं और वृक्षारोपण जैसी सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण कराया।
* उन्होंने "धम्म महामात्र" नामक अधिकारी नियुक्त किए जो जनता को नैतिक और धार्मिक शिक्षा देते थे।

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## 🔹 मृत्यु और उत्तराधिकार:

* अशोक की मृत्यु के बाद मौर्य साम्राज्य धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगा।
* उनका उत्तराधिकारी दशरथ था, लेकिन वह अशोक जैसा प्रभावशाली शासक नहीं बन सका।

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## 🔹 सम्राट अशोक की विरासत:

* अशोक का शासन धर्म और नैतिकता पर आधारित था।
* उन्हें आधुनिक भारत में एक प्रेरणास्रोत माना जाता है।
* उनके स्तंभ और शिलालेख भारतीय पुरातत्व और इतिहास के अमूल्य स्रोत हैं।
* भारत सरकार ने उनके "सारनाथ स्तंभ" को **राष्ट्रीय प्रतीक** और "अशोक चक्र" को **राष्ट्रीय ध्वज** में स्थान दिया है।

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