लव जिहाद की शिकार हजारों लड़कियां नाम
कुछ भी हो सकता है श्रद्धा ट्यूनीशा रविता
पूर्वी उमा वो भी जिनके नाम इस सूची में
अभी नहीं है
हजारों लड़कियां
प्रतीक्षा कर रही है
कसाई खाने की मुर्गियों की तरह एक-एक करके
सबकी बड़ी आएगी उनकी भी जो माझा बदलने को
तैयार नहीं और उनकी भी जो मजहब और नाम बादल चुकी है
मजहबी दरिंदों द्वारा हिंदू लड़कियों की
हत्या अब एक रूटीन समाचार है रोज होने
वाली घटना नहीं करती
हम मां लेते हैं की लड़की की ही गलती है
बहुत मॉडर्न रही होगी परिवार की बात नहीं सुनती होगी
नहीं लेकिन पुरी तरह सच भी नहीं
लड़कियां फस्ती नहीं फसाई जाति है उनके
चारों और इतना मजबूत दाल बनाया जाता है की
अंततः उन्हें फसना ही होता है
मजहबी शिकारी का सहयोग करने वाले हजार हैं
पर लड़की को कोई बताने वाला तक नहीं होता
की इन शैतानों से दूर रहना है जो बात 12
वर्ष की आयु में बतानी थी 25 में बताएंगे
तो कोई लाभ नहीं होगा
वैक्सीन बीमारी होने से पहले लगती है बाद में नहीं
यदि कोई हिंदू लड़की का रही है की लव
जिहाद कुछ नहीं होता यह बकवास है
सांप्रदायिकता है तो इसका अर्थ यही है की
वह इसके बड़े में कुछ नहीं जानती जानती तो
मौत के मुंह में क्यों कूद दी
गांव और छोटे शेरों में मैट्रिक और इंटर
में पढ़ने वाली अधिकांश हिंदू लड़कियां ना
ही अखबार पद्धति हैं ना समाचार देखते हैं
जो सोशल मीडिया पर है वह भी रियल बनाने और
लाइक्स गिने में व्यस्त हैं भरोसा नहीं
होता तो अपने पड़ोस की किसी इंटरनेट की
स्टूडेंट से पूछिए की क्या वह श्रद्धा तो
निशा रविता पूर्वी या उमा के बड़े में
जानती हैं सुना भी होगा तो यह नहीं पता
होगा की उन्हें किसने और क्यों मारा
माता-पिता चुप रहना उचित समझते हैं उनमें
से किसी एक ने साहस भी दिखाए तो दूसरा यह
कहकर उसे चुप कर देगा की वह बच्चे को घृणा
करना शिखा रहा है
स्कूल वाले कभी इस बड़े में बात नहीं करते
किसी ने किया भी तो कहा जाएगा की वो क्लास
रूम में हिंदू मुस्लिम करते हैं
मीडिया कभी उसे पैटर्न के बड़े में नहीं
बात करता जो इन हत्याओं के पीछे है नफरत
फैलाने का आप ग जाएगा
जिन सामाजिक संस्थाओं से आशा की जाति है
वह स्वयं ही माटी ब्रह्म का शिकार है
उन्हें लगता है की सबका डीएनए एक है केवल
पूजा पद्धति का ही तो अंतर है आरती करो या
नमाज पढ़ो एक ही बात है
फिल्मों और सीरियस में तो बताया ही यही जा
रहा है की प्रेमी हूं तो सलमान शाहरुख और आमिर जैसा
इबादत है इश्क जन्नत है इश्क खुदा है अकबर
की जोधा बन जो या नंगी होकर पठान की प्रेमिका
लड़की का क्या दोष वो फिल्म में और टीवी
देखते है वहां इश्क पसारा हुआ है
इंस्टाग्राम फेसबुक पर भी लव और इश्क हो रहा है
माता पिता तो केवल एग्जाम की रिजल्ट की
बात करते हैं धर्म तो कभी बातचीत का
हिस्सा ही नहीं होता ऐसी लड़कियां किसी
शिकारी बाज रहे हैं
पैदा होने से बड़े होने तक बच्चे
जहां-जहां जाते हैं वहां सेक्युलरिज्म की
महिमा गए जा रही है यदि परिवार भी बछिया
से धर्म के बड़े में बात नहीं करेंगे
उन्हें अपने शत्रुओं के बड़े में नहीं
बताएंगे तो वो कैसे समझेंगी ऐसी लड़की को
कोई आफताब मिलता है जो अपनी फेसबुक आईडी
तक में धर्म के कलम में ह्यूमैनिटी
यमुनक्त लिखना है
वो प्रेम की मूर्ति बनकर उसकी दुनिया बादल
देने के दाव करता है तो सोचिए आपकी बच्ची
कैसे बचेगी उसे तो सब समाज नहीं लगेगा ना
जब कोई लड़की फस जाति है तो लोग उसे ही
गली देने लगता हैं लोग भूल जाते हैं की वह
लड़की एक शिकार है जो विरोध शिकारी का
होना चाहिए वो शिकार का होने लगता है
शिकारी का पूरा परिवार और समाज उसका साथ
देता है मां बहाने
पिता झाड़ लेते हैं
सच यह है की एक बार फस जान के बाद बाहर
निकालने का कोई रास्ता नहीं होता
पति के घर की जमीन में दबाई गई सूटकेस में
भरकर फेंकी गई हूं या फ्रिज में राखी गई
हूं इन अभागी लड़कियों पर आप भले ही हंस
लेने लेकिन भारतीय सभ्यता पर हो रहे इस
विधर्मी आक्रमणकारियों का कुछ नहीं बिगाड़
सकते हो सकता है की कल आप भी उनकी चपेट
में ए जाए एक समाज के रूप में हमें समझना
होगा की लव जिहाद की घटनाएं इस इस्लामी
आक्रमण का हिस्सा है जिसकी शुरुआत मोहम्मद
बिन कासिम ने की थी उसने भी सिंह के राजा
दाहिर की बेटियों के साथ यह सब किया था
सूटकेस या फ्रिज में लाश बनकर पड़ी
लड़कियों को आप भले ही कस लेने इस भयंकर
बीमारी को दूर नहीं कर सकेंगे इसे दूर
करने के लिए आपको पीड़ित का नहीं शिकारी
का विरोध करना होगा
अपने बच्चों को बताइए की वह मजहबी समुदाय
के टारगेट पर है
उन्हें समझाइए की यह किताब बताती है की
काफिर को धोखा देने से जन्नत मिलती है
अपने पास पड़ोस और रिश्तेदारों में इस
खतरे पर चर्चा कीजिए
प्राण कीजिए की आप हर सप्ताह कम से कम एक
बच्ची या उसके माता-पिता से इस खतरे के
बड़े में बात करेंगे
यदि आप किसी स्कूल टीचिंग ग्रुप या मंदिर
समिति में है तो वहां जागरूकता अभियान चलाएं
बछिया और उनके माता पिता को लव जिहाद की
शिकार लड़कियों से जुड़े वीडियो दिखाएं
अपने कॉलेज कार्यालय सोसाइटी मोहल्ले या
गांव में लव जिहाद रोकने के लिए समूह बनाए
सरकारे और पुलिस के भरोसे रहना व्यर्थ है
आप इनको डाउनलोड करके जैसे चाहे वैसे
प्रयोग कर सकते हैं चाहे तो आप हमारे
टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं।
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