गुजरात का किशन भारवाड़ झारखंड के रूपेश
कुमार पांडे दिल्ली में हीरालाल किरण
शरतचंद्र और कर्नाटक में तीन जीत और हर
साल देश भर में हिंदुओं की मॉडलिंग चाहिए
और हत्या की यह सारी घटना है एक भयानक
भविष्य की चेतावनी है इनमें तीन बातें
विशेष रूप से महत्वपूर्ण है हुआ है
का पहला इन घटनाओं की बारंबारता ज्ञानी
फ्रीक्वेंसी बढ़ती जा रही है पहले ऐसी
घटना है हर कुछ महीने पर होती थी अब हर
कुछ दिन में होने लगे हैं पहले आप एक को
पहले पूछते थे तब अगली होती थी आज आप एक
पर अपना क्षोभ व्यक्त कर रहे होते हैं तब
तक अगली हो जाती है
अभी हमलों की संख्या बढ़ रही है कल को
आकार भी बढ़ेगा जो हत्या हैं आज हर कुछ
दिन पर हो रही है कि हर रोज करीब होंगी और
फिर एक दिन बहुत सारी होंगे ठीक वैसे ही
जैसा डाइरैक्शन डेक हुआ था या नहीं हम
उनके नियत आधे के निकट और निकट पहुंच रहे
हैं हमारे इतिहास में ऐसा कई बार हो चुका
है लेकिन हमने या तो अपने इतिहास को भुला
दिया यह में वह इतिहास
इतना ही नहीं गया
दूसरा इन घटनाओं के लिए उकसावे का स्तर
लगातार कम होता जा रहा है इसके लिए किसी
को कमलेश तिवारी की तरह नेशनल नेटवर्क पर
कुछ बोलना जरूरी नहीं रह गया आज एक फेसबुक
पोस्ट पर सरस्वती पूजा के विसर्जन पर
स्कूलों में यूनिफार्म लागू करने का
समर्थन करने पर हत्याएं होने लगी
इन घटनाओं के लिए प्रोक्रिएशन आगे जाकर और
कम होगा आप उससे जरा सी भी असहमति व्यक्त
करेंगे यहां तक कि सिर्फ मन में असहमति
रखेंगे तो भी उनके निशाने पर आ जाएंगे
इसके बाद शुरू होगा अगला चरण हुआ है
कि जब आपको उनकी ओर से बोलना होगा यदि आप
उनकी ओर से नहीं बोलेगी तो चुप रहने के
लिए भी उनके निशाने पर आ जाएंगे फिर दबाव
आएगा उनकी ओर से लड़ना भी होगा यदि आप
उनकी ओर से नहीं लड़ेंगे उनके झुंड में
शामिल नहीं होंगे या नहीं कंवर्ट नहीं
होंगे तो भी आप उनके निशाने पर होंगे आप
इस लड़ाई से बचना चाहते हैं वह आपके घर के
दरवाजे तक पहुंच चुकी है यह बोलना है जो
आपको लड़नी ही है इधर से न लें तो आप यह
आपके बच्चे उधर से लड़ेंगे हुआ है
और तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह एक अब
यह घटनाएं कभी-कभार हो जाने वाली रेंडम
नहीं रह गई है और यह बहुत ही को कष्ट हो
गई है पूरी योजना के साथ हिट लिस्ट बनाकर
टारगेट किलिंग हो रही है हजारों लोगों ने
स्कूलों में मजहबी लिबास के विरोध में
प्रदर्शन किया उनमें से एक जो अधिक पिंपल
था उसको मार डाला यानी एक संदेश दिया गया
है जो भी प्रकार करेगा उसकी हत्या कर दी
जाएगी यह हिंदू समाज द्वारा प्रतिकार के
मनोबल तोड़ने का एक सस्ता और आसान उपाय है हुआ है
कि हर खीर की अपने नियम होते हैं क्रिकेट
के नियम है रंग जिसने ज्यादा रन बना लिए
उचित फुटबॉल करनी है गोल जिसने ज्यादा गोल
किए वह जीत गया आपके रिप्लिंग स्किल आपकी
स्क्वायर का कि इक दिन इक मायने नहीं रखती है कि
हम युद्ध में है दुर्भाग्य से हमारा
जस्टिस पर हर्षा कहना हमें युद्ध नहीं
जीता सकता फिर भी हमारे मन-मस्तिष्क में
पल रहा खुद महत्वपूर्ण है वह हमारे संघर्ष
को वैधता देता है जो तटस्थ हैं निरपेक्ष
हैं उन्हें शत्रु बोध कराता है फिर भी
मात्र इस भरोसी युद्ध नहीं जीत सकते युद्ध
का नियम है हिंसा यह जो अधिक हिंसा करने
में सक्षम होता है वहीं जीता है
0 Comments