दोस्तों मैं सच में सोचता हूं कि इस
कंट्री में अगर उन भले लोगों की भी कोई
रिस्पेक्ट नहीं है जिन्होंने करोड़ों
लोगों की लाइफ बदली है तो फिर किसी और की
क्या ही रिस्पेक्ट होगी अगर इस देश में हम
अपने उन गुरुओं और संतों की लगातार
डिसरेटर में भारत की इज्जत बढ़ाई है तो
फिर यह कंट्री और किसकी रिस्पेक्ट करेगी
और किसका सम्मान करेगी ताजा मामला
तमिलनाडु का है जहां एक रिटायर्ड प्रोफेसर
ने कुछ दिन पहले मद्रास हाई कोर्ट में
याचिका लगाकर सदगुरु और ईशा फाउंडेशन पर
इल्जाम लगाया है कि इन लोगों ने मेरी दो
बेटियों को कई सालों से बंधक बना रखा है
इस मामले में सदगुरु और ईशा फाउंडेशन से
मद्रास हाई कोर्ट ने भी ऐसे सवाल किए जैसे
कोई किसी क्रिमिनल से करता है कोर्ट ने
सीधे सदगुरु से पूछा है कि आपने अपनी बेटी
की तो शादी करके उसे गृहस्थ बना रखा है तो
फिर दूसरों की बेटियों को आप सन्यासिनी
बनाने के लिए मोटिवेट क्यों करते हो
मद्रास हाईकोर्ट यहीं पर नहीं रुकी उसने
तमिलनाडु पुलिस से कहा कि जाओ और ईशा
फाउंडेशन पर आज तक जितने भी इल्जाम लगे
हैं उन सबकी जांच करके फौरन हमें रिपोर्ट
दो कोर्ट के इस ऑर्डर के बाद अगले ही दिन
तमिलनाडु पुलिस के भी 150 जवान ईशा
फाउंडेशन पहुंच गए 10 20 50 नहीं 150 जवान
जैसे किसी धार्मिक गुरु के आश्रम में नहीं
गए हो बल्कि किसी ड्रग माफिया के यहां
छापा मारने गए हो वेरी गुड क्या बात है
जाहिर तौर पर इन सबसे सदगुरु को मानने
वाले लाखों करोड़ों लोग बुरी तरह हर्ट हुए
इसके बाद अपनी साइड रखने के लिए ईशा
फाउंडेशन भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया
सुप्रीम कोर्ट में ईशा फाउंडेशन ने बताया
कि दोनों ही बहनें 2009 में आश्रम आई थी
तब उनकी एज 24 और 27 वर्ष की थी इन
महिलाओं ने इन लड़कियों ने अपनी मर्जी से
सन्यास लिया है उल्टा लड़की के पेरेंट्स
पिछले आठ सालों से इन्हें ही परेशान कर
रहे हैं रिगार्डिंग द एलिगेशन दैट आवर
पेरेंट्स हैव गिवन दैट वी आर स्टेइंग हियर
अगेंस्ट आवर विशेस एंड वीव बीन फोर्सड टू
स्टे हियर आई वुड लाइक टू क्लेरिफाई दैट
आई एम हियर आउट ऑफ माय ओन विश एंड माय
इंटरेस्ट सुप्रीम कोर्ट ने इस पहली ही
सुनवाई के बाद मामला अपने पास ले लिया
उसने तमिलनाडु पुलिस को कहा कि वो ईशा
फाउंडेशन के खिलाफ चल रही अपनी जांच रोक
दे कोर्ट ने यह भी कहा कि आप आश्रम जैसी
जगह पर सीधे पुलिस या आर्मी को कैसे भेज
सकते हैं मतलब मद्रास हाई कोर्ट के कमेंट
के बाद ईशा फाउंडेशन के खिलाफ जो नेगेटिव
माहौल बन रहा था उसकी हवा एक ही दिन में
निकल गई जिनके बारे में कहा जा रहा था कि
इन्हें जबरदस्ती बंदी बनाया गया है
उन्होंने खुद ये बता दिया कि वो पिछले 15
सालों से आश्रम में अपनी मर्जी से रह रही
है जो 150 पुलिस वाले ईशा फाउंडेशन में
जांच करने पहुंचे थे उन्हें भी कुछ नहीं
मिला सुप्रीम कोर्ट ने भी सिर्फ पहली ही
सुनवाई में पुलिस की जांच पर रोक लगा दी
और ये भी बोला कि अब जांच करके सीधे
रिपोर्ट हमें देना मद्रास हाई कोर्ट को
नहीं मगर सिर्फ एक दिन में सिर्फ एक दिन
में दोस्तों लेफ्ट लिबरल्स ने पूरे सोशल
मीडिया पर ऐसा मा माल बना दिया था जैसे
देश भर में सदगुरु से बड़ा कोई ठग है ही
नहीं पूरा इकोसिस्टम इस बात का पहाड़ा
पड़ने लग गया था कि देखो कैसे सदगुरु ने
अपनी बेटी की तो शादी कर रखी जबकि दूसरे
की बेटियों को सन्यासी नहीं बनाने में लगे
हुए हैं मगर क्वेश्चन ये है कि अगर इस
मामले में कुछ सच था ही नहीं तो अचानक से
अदालत पुलिस और पूरा इकोसिस्टम एक आदमी के
खिलाफ इतना एक्टिव कैसे हो गया क्या सच
में सतगुरु कुछ गलत कर रहे हैं या सतगुरु
कुछ ऐसा कर रहे हैं जिससे सनातन को ना
मानने वाले घबराए पड़े हुए हैं तो आइए
अगले कुछ देर में हम एक-एक करके इन सारे
पॉइंट्स प बात करेंगे ये वीडियो
इंपॉर्टेंट है इसलिए इसे पूरी देखना और
अपने दोस्तों से इसे जरूर शेयर करना शुरू
करते हैं आई हैव नॉट गिवन द फ्रीडम टू
एनीबॉडी दैट
समबीत एक सेक्शन यह प्रूफ करने में लगा है
कि सदगुरु और ईशा फाउंडेशन लोगों को
जबरदस्ती ब्रह्मचारी और ब्रह्मचारिणी
बनाने में लगे हैं जबकि रियलिटी ये है कि
हर साल ब्रह्मचारी के लिए
कई लोग ईशा फाउंडेशन में अपनी अर्जी लगाते
हैं जबकि उनमें से सिर्फ कुछ ही लोगों को
बनने के लिए सिलेक्ट किया जाता है यह
कंट्रोवर्सी तो आज पैदा हुई है सदगुरु तो
शुरू से कहते हैं कि हम हर किसी को
सन्यासी नहीं बनाते एवरी ईयर हंड्रेड्स ऑफ
एप्लीकेशंस फॉर ब्रह्मचर्य कम्स वी जस्ट
चूज 8 10 पीपल आउट ऑफ दैट लुकिंग एट
वेरियस क्वालिटीज एंड वेरियस पॉसिबिलिटीज
मजे की बात ये है दोस्तों कि आज तक सदगुरु
के आश्रम में सिर्फ दो 250 लोगों ने ही
ब्रह्मचर्य लिया है या सन्यास लिया है और
वही उन्हीं के आश्रम में मौजूदा लिंग
भैरवी मंदिर में हर साल इससे कई ज्यादा
लोगों की तो शादियां होती है मतलब जिस
आश्रम पर आप इल्जाम लगा रहे हो कि वो
लोगों को सन्यासी बनाता है ब्रह्मचारी
बनाता है हकीकत में सन्यासियों से कई गुना
लोग तो सिर्फ एक साल में वहां पर आकर लिंग
भैरवी मंदिर में शादी कर लेते हैं
बच्चियों को जबरदस्ती सन्यासी बनाना तो
दूर आपको ऐसे सैकड़ों लोग मिल जाएंगे जो
यह बताएंगे कि उनकी बेटी के चाहने के
बावजूद सदगुरु ने उन्हें सन्यास नहीं लेने
दिया एक बच्ची के पेरेंट्स ने तो यहां तक
कहा कि हमारी बेटी भी सदगुरु के पास
सन्यासी बनने की के लिए गई थी लेकिन
सदगुरु ने उसे सलाह दी की बेटी तुम शादी
करलो वही एक और बच्ची के पेरेंट्स ने
बताया कि हमारी भी बेटी सन्यास नहीं बनना
चाहती थी मगर सदगुरु ने कहा कि बेटा
सन्यास तुम्हारे लिए नहीं
[संगीत]
है मेरा क्वेश्चन य है बॉस की अगर सदगुरु
या ईशा फाउंडेशन सच में लोगों को जबरदस्ती
ब्रह्मचारी या सन्यासी बनाने की ताक में
बैठा होता तो आश्रम ले तो ढूंढ ढूंढ कर
ऐसे लोगों को सन्यासी बनाकर उनको
एक्सप्लोइट करते एक और महिला का ट्वीट
देखिए ये लिख रही है कि मेरी बेटी जब 25
साल की थी तब मैंने उसे कहा था कि तुम
ध्यान करने ईशा फाउंडेशन चली जाओ मेरे
कहने पर वो वहां गई मगर उसे कभी किसी ने
सन्यास के लिए नहीं बोला जबकि जब से वो
ईशा फाउंडेशन से लौट कर आई है उसकी लाइफ
ही बदल गई है वो पहले से कहीं ज्यादा
बेहतर इंसान बन गई है अगर सच में ईशा
फाउंडेशन में ऐसा कोई फर्जीवाड़ा चल रहा
है बॉस तो ये कौन लोग हैं जो अपनी मर्जी
से ट्वीट कर रहे हैं और बाइट दे रहे हैं
बताइए इनमें से कुछ कुछ बयान तो इस पूरे
मैटर इस पूरे विवाद से पहले के मगर कुछ
लोगों को ऐसे 1000 लोगों के बयान सुनाई
नहीं देंगे जो यह कह रहे हैं कि ईशा
फाउंडेशन में उनकी बच्चियों के साथ कोई
ज्यादती नहीं हुई किसी ने उन्हें सन्यास
लेने के लिए नहीं उकसाया लेकिन अगर कहीं
से एक मां-बाप आकर ये कह दे कि उनकी बेटी
को बंधक बनाया गया है तो पूरे का पूरा
इकोसिस्टम उनके बयान को हर जगह चला देगा
उस बात को ऐसे फैलाए जैसे इसके अलावा और
कोई सच है ही नहीं हम समझ सकते हैं कि जिन
भी मां-बाप के बच्चे ब्रह्मचर्य या सन्यास
लेते हैं तो उन्हें झटका तो लगता है इस
केस इसमें कामराज जी और उनकी वाइफ को भी
लगा होगा कि उनकी दोनों बेटियां कैसे
सन्यासी नहीं हो गई हो सकता है उन्हें इस
बात का बहुत दुख भी हुआ हो इसी
फ्रस्ट्रेशन में उन्होंने ईशा फाउंडेशन के
खिलाफ कुछ बोल भी दिया मगर उनकी ही
बेटियां जब सबके सामने आकर यह कहती है कि
हमारे साथ कोई ज्यादती नहीं हुई है तब भी
एक सेक्शन इसे सच मानने को तैयार क्यों
नहीं होता ऐसे में क्वेश्चन यह है कि आखिर
क्या रीजन है कि इस मामले की आड़ में वो
सतगुरु को बदनाम करने में लगे हुए हैं कुछ
भी समझ नहीं आ रहा मेरे को
तो सब कुछ इतना साफ-साफ देखने के बाद तो
यही पॉसिबिलिटी बचती है कि पिछले सालों
में अपने काम और अपने थॉट्स की वजह से
सदगुरु का जो कद बढ़ा है उनकी जो पॉपुलर
बढ़ी है उससे बहुत सारे लोग डर गए खासकर
ऐसे नेता जो सनातन को डेंगू और मलेरिया
मानते हैं उन्हें ये कैसे बर्दाश्त होगा
कि उन्हीं के स्टेट का एक शख्स दुनिया भर
में सनातन की सबसे बड़ी आवाज बन रहा है जो
अपने आश्रम और अपने विचारों के जरिए
दुनिया भर में योग और सनातन को मजबूत कर
रहा है ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि
सदगुरु हमेशा खुलकर बोलते रहे हैं कि म म
को स्टेट कंट्रोल से निकाला जाए रिसेंटली
हमने भी इस पर एक वीडियो बनाई थी कि कैसे
हिंदू मंदिरों का कंट्रोल सरकार की बजाय
हिंदू को मिलना चाहिए यही बात सदगुरु भी
लगातार इतने सालों से करते आ रहे फर्स्ट
थिंग इ द गवर्नमेंट शुड शो द इंटेंट द द
टेंपल शुड बी मैनेज बाय द कम्युनिटी नॉट
बाय द गवर्नमेंट इन माय अंडरस्टैंडिंग ऑफ
व्ट इ
सेकुलर सेकुलर नेशन मींस अ रिलिजन डज नॉट
मेस विद द गवर्नमेंट एंड द गवर्नमेंट ड
नॉट मेस विथ द रिलीजन अब पॉलिटिशियन का एक
बड़ा सेक्शन है जिसे सदगुरु की ये बात
पसंद नहीं आती कि वो मंदिरों को स्टेट
कंट्रोल से निकालने की बात क्यों करते हैं
आपको बता दें कि तमिलनाडु में इस वक्त उन
लोगों की सरकार है जो सनातन को डेंगू
मलेरिया मानते हैं और सनातन को डेंगू
मलेरिया मानने वाले इन लोगों के ही अंडर
तमिलनाडु के 36000 से ज्यादा मंदिर 56 मठ
और 189 ट्रस्ट आते हैं और तमिलनाडु की यही
सरकार इन हिंदू मंदिरों से जुड़ी 4 78000
एकड़ जमीन को भी कंट्रोल करती है और अब
इससे बड़ी आयर क्या होगी कि एक तरफ कुछ
लोगों को सनातन को गाली भी देनी है और
दूसरी तरफ सनातन धर्म की जमीन और इसके
मंदिरों से होने वाली कमाई को भी छोड़ना
नहीं है और जब सदगुरु जैसे लोग कहते हैं
कि भैया मंदिर हिंदुओं को दे दो तो इस
डेंगू ब्रिगेड के पेट में दर्द होने लगता
है इनका पारा ऐसे चढ़ जाता है जैसे इन्हें
खुद डेंगू बुखार हो गया हो और ये कोई आजकल
की बात नहीं है बॉस पिछले कई सालों से एक
गैंग लगातार सदगुरु पर ऐसे ही इल्जाम
लगाता रहा है ऐसे इल्जाम जिसका कोई सिर
पैर नहीं है कभी ये लोग कहते हैं कि
सदगुरु ने जंगल की जमीन पर कब्जा कर लिया
है इसके बाद फॉरेस्ट डिपार्टमेंट उसकी
जांच करता है तो कुछ निकलता ही नहीं है तो
कभी ये लोग कहते हैं कि सदगुरु ने रेन
फॉरेस्ट तबाह कर दिए जब सदगुरु पूछते हैं
कि कौन से फॉरेस्ट तबाह कर दिए तबाह करने
से पहले वो जंगल थे कहां तब भी कोई कुछ
नहीं बोलता कंटीन्यूअसली आई हैव बीन
एक्यूज्ड ऑफ रेजिंग अ रेन फॉरेस्ट व्हिच
इज दैट रेन फॉरेस्ट वर वाज इट प्लीज शो इट
टू
मी देयर इज नो सच फॉरेस्ट सो दे केप्ट
क्वाइट नाउ बिकॉज आई आस्क दिस क्वेश्चन
आपको याद होगा सदगुरु ने कई साल पहले रैली
फॉर रिवर्स के नाम से कैंपेन चलाया था
जिसमें उन्होंने एक महीने तक देश भर में
घूम कर नदियों के किनारे लाखों पेड़ लगाने
की बात कही थी मगर जैसे ही कुछ लोगों को
पता लगा कि सदगुरु के इस कार्यक्रम को
मोदी का समर्थन मिल रहा है बीजेपी शासित
राज्यों के मुख्यमंत्री सदगुरु का वेलकम
कर रहे हैं स्वागत कर रहे हैं इसके बाद
उसी खास सेक्शन में चुनचुन कर इस कैंपेन
में कमियां निकालना शुरू कर दिया यह झूठ
भी फैलाया गया कि जिस गाड़ी से सदगुरु घूम
रहे हैं उससे इतना पोल्यूशन हो रहा है कि
कैंपेन का कोई फायदा ही नहीं होगा
ड्राइविंग अ ग्रीन कलर्ड व्हीकल लाइक द
g63 एजी डज नॉट मेक इट ग्रीन इन फैक्ट द
63 एज एसयूवी इज प्रोबेबली वन ऑफ द लीस्ट
एनवायरमेंट फ्रेंडली एसयूवी यू कैन गेट
बाद में इस बारे में जब सदगुरु से सवाल
किया गया तो पता चला कि
दे शुड बी वकिंग द स्ट्रीट दिस इज द टाइम
टू डील विद ऑल ऑफ देम ऑल ऑफ देम सतगुरु का
इतना कहना था कि एक खास वर्ग सतगुरु पर
भूखे भेड़ की तरह टूट पड़ा लोगों ने
उन्हें ढोंगी से लेकर सनकी तक क्या कुछ
नहीं बोल दिया और ये चालाकी यहीं खत्म
नहीं होती जैसा कि मैंने शुरू में कहा था
कि कुछ लोगों ने ऐसा नैरेटिव सेट कर दिया
है कि जो भी कंट्री की बात करेगा देश की
बात करेगा उसे फौरन हिंदूवादी अंधभक्त और
कट्टर घोषित कर दो और उससे जुड़ी हर छोटी
मटी बात पकड़कर उसे बदनाम करने की पूरी
कोशिश करो और यही घटिया खेल कुछ लोग
सदगुरु के साथ इतने सालों से खेल रहे हैं
और ये ऐसा सिलसिला है जो रुक नहीं रहा है
लगातार चलता जा रहा है वो भी क्यों
क्योंकि उस खास वर्ग ने यह मान लिया है कि
जो भी नेशनल मुद्दों पर कॉमन मैन के
ओपिनियन की बात करेगा जो सनातन की बात
करेगा जो योग की बात करेगा वो कट्टर है
अगर वो ज्यादा देश की बात करेगा तो हम उसे
राष्ट्रवादी मानेंगे अगर वो ज्यादा
राष्ट्रवादी बनने की कोशिश करेगा तो हम
उसे कट्टर बना देंगे फिर चाहे आपने 35
सालों में योग के माध्यम से 20 करोड़
लोगों की जिंदगी ही क्यों ना बदली हो फिर
चाहे आपने नदी बचाने का दुनिया का सबसे
बड़ा अभियान ही क्यों ना चलाया हो फिर
चाहे आपने एक दिन में 85 लाख पेड़ लगाकर
वर्ल्ड रिकॉर्ड ही क्यों ना बनाया हो फिर
चाहे आपने अपने स्कूलों में हजारों बच्चों
को फ्री में प्राइमरी एजुकेशन ही क्यों ना
दी हो या फिर आपको यूएन से लेकर हावर्ड
आईआईटी से लेकर आईएम और
google2 को उछाल करर सदगुरु को गुंडा
बताने की कोशिश करेंगे वो कभी किसी फर्जी
जमीन की विवाद की बात को बोलकर सदगुरु को
भू माफिया बताएंगे वो हिंदुत्व की बात
करने पर या सनातन की बात करने पर या योग
की बात करने पर सदगुरु को कट्टरवादी
बताएंगे रसल इन लोगों की नाराजगी सदगुरु
से भी नहीं है ये वो कौम है जिसे हर वो
इंसान नापसंद है जो अपने कल्चर को दुनिया
में स्थापित करता हो इन्हें हर उस इंसान
से नफरत है जो जातियों से ऊपर उठकर सिर्फ
उनकी असली पहचान की बात करता हो इन्हें हर
वो आदमी कमीनर लगता है जो योग साधना और
क्रियाओं की बात करता है इसमें कोई डाउट
नहीं बॉस की भारत ही नहीं दुनिया भर में
आज सदगुरु इन सारी बातों को सबसे ज्यादा
जोर-शोर से उठा रहे हैं उन्हीं की वजह से
भारत ही नहीं दुनिया भर के लाखों करोड़ों
लोग स्पेशली यंग लोग योग की तरफ झुक रहे
हैं योग को अपनी लाइफ का हिस्सा बना चुके
हैं अमेरिका तक में उनके एक प्रोग्राम में
इतनी भीड़ होती है जितनी भीड़ खुद बड़े से
बड़ा अमेरिका का पॉप स्टार भी नहीं जुटा
पाता मगर बजाय इन बातों पर गर्व करने के
इस बड़े काम के लिए उनकी तारीफ करने के
कुछ लोग उन्हे नीचे गिराने और उन्हें ही
तोड़ने में लगे हैं और हमें बस यही काम
नहीं होने देना है इस पूरे मामले पर आपकी
क्या राय है कमेंट करके जरूर बताइएगा आप
सदगुरु को लेकर क्या सोचते हैं उनके काम
के बारे में आपकी क्या सोच है वो भी जरूर
शेयर करिएगा और यह वीडियो भी अपने हर एक
दोस्त तक पहुंचाएगा क्योंकि सच जानने का
हक सबका है थैंक यू फॉर वाचिंग चैनल भी
सब्सक्राइब करके जाइएगा जल्दी मिलते हैं
जय हिंद वंदे मातरम
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