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क्या एक और विश्वासघात की तैयारी है?


 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और मजहबी समुदाय 
के नेताओं के बीच संवाद के समाचार अक्सर 
आते रहते हैं 
कि 22अगस्त 2022 को संघ कार्यालय में पांच 
कथित मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने समय मानकर 
संघ प्रमुख मोहन भागवत से भेंट की थी अ 
कि महीने भर बाद 22 सितंबर 2012 इसको संघ 
प्रमुख ने दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग 
पर बनी मस्जिद में जाकर इमाम उमर अहमद 
इलियासी के साथ बैठक की यह मस्जिद बीच 
सड़क पर कब्जा करके अवैध रूप से बनी अभी 
हम उस विषय पर बात नहीं कर रहे लोगों के 
मन में प्रश्न उठता है कि ऐसी 
मेल-मुलाकातों में 
इनका उद्देश्य 
पहले की मुलाकातों का क्या परिणाम निकला 
और आगे क्या परिणाम निकालने के प्रयास है 
कि कहीं ऐसा तो नहीं कि हिंदू नेतृत्व के 
खराब इतिहासबोध का लाभ उठाने के प्रयास हो 
रहे हैं अ 
कि 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के 
बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना मदनी 
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत से मिलने 
पहुंचे थे यह वह समय था जब भारत की 
मुस्लिम नेतृत्व को पहली बार अनुभव हुआ कि 
उनका राजनीतिक वीटो पावर खत्म हो चुका है 
वर्ष-2014 के चुनाव परिणाम और नरेंद्र 
मोदी के प्रधानमंत्री बनने को उन्होंने 
अपवाद माना था और 5 साल तक प्रतीक्षा की 
कि फिर से हिंदू विरोधी पार्टियां सत्ता 
में लौटेगी 
को अपने अनुकूल सरकारें बनेंगी और 
गजवा-ए-हिंद का काम आगे बढ़ेगा लेकिन खेल 
पलट गया है 
कर दो कि अब इस चित्र को देखिए देश में 
सांप्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए एक सूफी 
संस्था की बैठक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार 
अजीत डोभाल भी बैठक में मंच पर मौलाना 
सलमान नदवी भी था जो तालिबान और आईएसआईएस 
का खुला समर्थक है नूपुर शर्मा को सिर्फ 
तन से जुदा की धमकियों और उनका समर्थन 
करने पर देश भर में हिंदुओं की टारगेटेड 
थे रिंग्स के बीच यह बैठक बुलाई गई 
इस्लामी आतंक से उपजे आक्रोश पर पानी 
डालने के प्रयास किए गए शांति और सौहार्द 
की बातें हुई और पीएफआई जैसे कट्टरपंथी 
संगठनों पर प्रतिबंध की मांग की गई आशा थी 
कि इतने भर से भारत के बहुसंख्यक हिंदू 
खुश हो जाएंगे 
हुआ है कि भारत के मुस्लिम नेतृत्व को 
अच्छी तरह पता है कि भले ही विश्व में 57 
इस्लामी देश हो लेकिन तेल कि उनकी ताकत 
धीरे-धीरे समाप्त हो रही है 
मुस्लिम ब्रदरहुड का बुलबुला भी फूट रहा 
है इसलिए वह समय काटने की रणनीति पर चल 
रहे हैं वह कम से कम दो दशक यानी बांस 
वर्ष और किसी तरह काटना चाहते हैं तब तक 
हिंदुओं को सेक्यूलर फोरम के नशे में रखना 
आवश्यक है इसलिए बार-बार शांति सद्भाव और 
भाईचारे की बातें करना मजबूरी है 
आप 
भी ध्यान से देखिए पूरा मजा भी नेतृत्व 
इसी रणनीति पर काम कर रहा है इसी तरह 20 
साल शांति जाए फिर पूरी ताकत के साथ वार 
करेंगे संघ प्रमुख ने मिलकर मौलाना मदनी 
ने वही किया था राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार 
अजीत डोभाल के साथ मंच साझा करके मौलाना 
सलमान नदवी ने भी वही प्रयास दोहराया 
इस्लाम के विस्तार की यह बहुत पुरानी और 
आजमाई हुई रणनीति है इस बात को समझने के 
लिए आपको खुद दिया कि संधि के बारे में 
जानना चाहिए अंग्रेजी में इसे ट्रीटी आफ 
उदय भैया कहते हैं 
कर दो कि इस्लाम की पैदाइश के समय मक्का 
में हुआ यह 10 वर्ष का एक युद्धविराम 
लेकिन मुसलमानों ने अचानक युद्ध विराम 
तोड़ दिया और धोखे से मकान पर कब्जा कर 
लिया सतर्क और एकजुट शत्रु को हराना हमेशा 
कठिन होता है इस्लाम इसे अच्छी तरह समझता 
है 
मौलाना मदनी हों या मौलाना सलमान नदवी सभी 
इसी प्रयास में है कि हिंदुओं के साथ उदय 
भैया जैसी कोई सुलह हो जाए समस्या यह है 
कि इस्लाम और इसाइयत की तरह हिंदू धर्म की 
कोई केंद्रीय संस्था नहीं है न कभी पहने 
थी ना आज आरएसएस भी कभी यह दावा नहीं करती 
कि वह पूरे हिंदू समाज का नेतृत्व करती है 
कि जो मीट लेकर मौलाना मदनी आरएसएस प्रमुख 
से मिलने गए थे वह पूरी होना असंभव है 
कि 
अजीत डोभाल भी केवल केंद्र सरकार का 
प्रतिनिधित्व करते हैं इस्लाम की असली 
मंशा को लेकर सरकार के मन में कोई भ्रम हो 
सकता है लेकिन अभिषेक हिंदू समाज में अब 
कोई दुविधा नहीं है इस्लाम का इतिहास है 
कि उसने हर बार संधियों और छात्रवृत्ति 
इसको थोड़ा है विश्वासघात मजहबी रणनीति का 
हिस्सा है मौलाना ने भी कुछ घंटों के अंदर 
ही पलट गया कि उसने कभी पीएफआई पर 
प्रतिबंध की बात कही है 
कि 
मौलाना मदनी हो मौलाना सलमान नदवी हूं या 
कोई और मौलाना चाहे जितनी शक्ति लगा लें 
भारत को मदीना बनाने का उनका सपना कभी 
पूरा नहीं होने वाला तो फिर कि नेतृत्व 
भले ही भटक चाहिए लेकिन कि फिर अ कोई धोखा 
खाने को तैयार नहीं 
कि अ 
कि इंडेक्स ऑनलाइन के वीडियो समाज को 
समर्पित है आप इनको डाउनलोड करके जैसे 
चाहे वैसे प्रयोग कर सकते हैं चाहे तो आप 
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डिस्क्रप्शन में होते हैं हमारा एकमात्र 
उद्देश्य हिंदू समाज को जागृत पर एकजुट 
करना है इसमें सहभागी बने धन्यवाद।

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